माॅ मुझ पर जान देने वाली मेरी वो जान है जिसके लिए इस दूनीया की तमाम खुशियाॅ कूरबान है तू खुदा की दी हुई वो धन आलिसान है जिसके बिना हर घर ,हर मकान विरान है इस संसार की तू ही वजूद तू ही बूनीयाद है तूझसे ही तो इस जग को पहचान है -मनीषा #माॅ