संक्रमण का काल है ,मचा बड़ा बवाल है अर्थ देखे कि जिंदगी , सवाल ही सवाल है। तेज अपना खो चुके, हर तरफ विकास वीर हाथ पैर मार के भी , चल रहा कोई न तीर। हाल अपना क्या कहें ,कहां-कहां उठी है पीर संक्रमण से देश लड़े , देश से लड़ें बयान वीर। रोज नए कीर्तिमान , अपने गिरने के बना रहे अपनी ओछी राजनीति से ,देश को डरा रहे। भीड़ श्रम वीरों की अथक चली ही जा रही बीमारी से जो बच गए तो भुखमरी डरा रही। कोरोना योद्धा संकल्प की नई मिसाल पा रहे अपने हौसलों से ही हम सब को भी बचा रहे। संयम और संतुलन का मूल मंत्र बस अपना रहे देश उतना ही समर्थ है,जितना हम उसे बना रहे। संक्रमण का काल है ,मचा बड़ा बवाल है अर्थ देखे कि जिंदगी, सवाल ही सवाल है। तेज अपना खो चुके, हर तरफ विकास वीर हाथ पैर मार के भी , चल रहा कोई न तीर। हाल अपना क्या कहें ,कहां-कहां उठी है पीर संक्रमण से देश लड़े , देश से लड़ें बयान वीर।