Nojoto: Largest Storytelling Platform

दूरियों को दूर कर दायरे बढ़ाते रहे, सोशल मीडिया के

दूरियों को दूर कर दायरे बढ़ाते रहे,
सोशल मीडिया के दौर में अधिकतर झूठ पढ़ाते रहे..!

हुनर को मिली न जगह कहीं तनिक भी,
अश्लीलता का आकाश बन के प्रकाश बढ़ाते रहे..!

गिराते रहे मानवता को भेदभाव का दानव बन,
यूँ ही नग्नता की नर्तकी को आसमाँ पे चढ़ाते रहे..!

एक घर में होकर भूल बैठे हैं परिवार को,
दिखावे का ढोंग सोशल मीडिया पर उड़ाते रहे..!

ग़ुलामी सह रहे हैं या दिखा रहे हैं दबदबा ये,
मोहब्बत की परिभाषा को भी नफ़रत से लड़ाते रहे..!

©SHIVA KANT
  #moonnight #daayre