न पास आने का इरादा हैं , न दुर जाने का वादा हैं , पर फिर भी पलट कर देखना , तुम देखना जरूर @ms मैं मिलूँगी तेरे शहर के उस गली के उसी मोड़ पड़ जहाँ रुक गया था वक़्त मेरा जब गया था तु मुझे छोड़कर जहाँ गया था तु मुझे छोड़कर आज भी उस मोड़ पर आज भी उस मोड़ पड़ मैं खड़ी हुँ तन्हा सब छोड़ कर चाहे जितना भी मैं शोर करूँ उस शोर में सान्नाटा हैँ सन्नाटे में एक शोर हैँ , जिसमे गुंजता तेरा किया हर वादा हैँ ये सिलसिला हैँ मोहब्बत का मैं जानती हुँ ये न होता न कभी कम न कभी ज्यादा हैँ पर कुछ तो छूटा हैं मेरा तेरे दहलीज पर जो हर शाम बीछी होती हैँ आँखे युँ जैसे उसे मालुम हो वो चोर नहीं वो लौटा देगा एक दिन सबकुछ जिसे छिनने का आज उसका इरादा हैं .... ©Monika Suman #ms #monikabjendra