"हे राम तेरे नाम का मुझको अधार है. .अन्धे को जै से लाकड़ी तन का सहार है". अर्थात् - जिस प्रकार अन्धे का एक मात्र सहारा उसकी लकड़ी होती है, हे राम, ठीक उसी प्रकार मेरा एक ही सहारा है और वह हैं आप. ©Shiv Narayan Saxena हे राम तेरे नाम का मुझको अधार है... Dhyaan mira Sudha Tripathi विमल ""ओझल ""