*तुझको भुलाने चला हूँ* बहुत तड़पा हूँ तेरी याद में अब दिल को समझाने चला हूँ, हां तू भूल गयी है मुझको और मैं भी तुझको भुलाने चला हूँ! जो फैसला तेरा था मुझे छोड़ने का आज वो मेरा है, आ सुन ले आकर तू ये फैसला मैं जो तुझको सुनाने चला हूँ! जो दिये हैं इस तरह मुझको मोहब्ब़त में ये जख्म़ तुने, कहीं सहम ना जाये देखकर तू ये जख्म़ भी मैं छुपाने चला हूँ! बहुत मिलेंगे इस सफर में हमराही तुझको साथ चलने वाले, पर मुझ जैसा पागल ना होगा कोई मैं ये तुझको बताने चला हूँ! मेरी जिंदगी में लगायी है जो आग तुने ये ऐसे नहीं बुझेगी, तू देख अब इस आग को भी मैं अपनी मौत से बुझाने चला हूँ! मोहब्ब़त में "जोरा सिंह" वफा के बदले बेवफ़ा यार मिला मुझे, वफा की सजा क्या होती है अब ये मैं सबको सुनाने चला हूँ!! -जोरा सिंह भौरिया तुझको भुलाने चला हूँ