कभी हृदयपुर का वासी था अब हृदयाघात हो गया हूँ निमिष मात्र को स्पंदित हुआ अब रूधिर सम्भ्रांत हो गया हूँ ! कभी विशद विवेक देनहार था अब कुटिर अनुबंध हो गया हूँ नित्य स्वप्न में पुलकित हुआ अब प्रीत का कृतघ्न निबंध हो गया हूँ !! निमिष-क्षण भर सम्भ्रान्त-घबराया हुआ विशद-उज्ज्वल कृतघ्न- उपकार को न मानने वाला, ungrateful #yqbaba #yqdidi #love #pain #dard #shayari #poetry #surajaaftabi