जैसे हाथो से रेत फिसल सा गया, बिना मौसम ही बरसात हो गया, बिन देखे ही ,बस एक उसके होने का एहसास हो गया, जिसे दिल ने तो रोकना चाहा, मगर दिमाग उसे ना रोक सका। हा आहिस्ता आहिस्ता कोई आया , जिसने मुझे अपने पन का एहसास दिलाया, ओर फिर आचनक मेरी डोर को कमजोर बता , हवा में कहीं खो गया। हा वो एक हवा का झोंका बन आया, ओर एक ठंडी हवा फिजा में ला कहीं खो गया। दिल हमारा इस तरह से छला गया, कोई आया और आकर चला गया.... #चलागया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ankitaguptalove poetry #Collab with me