जो प्राप्त है वहीं पर्याप्त है। और जिसको ढूंढ रहा है तू मस्जिद मंदिरो में वो तेरे अंदर व्याप्त है जिसने तलाशा है खुद को ही खुद में वो आज पूरी दुनिया में विख्यात है। ©R.saini. # बुद्धा# विवेकानन्द# आदि शंकराचार्य# #brothersday