खौल रहा ये खून आज, पानी में भी, रंग आया, वो लड़े बांकुरे सीना ताने, वो कुर्बानी का था मंज़र आया, पूछा मैंने रंग बतला सैनिक, कितने तुझको दिखते है, तीन मेरे झंडे में है, क्या तुझको भी इतने लगते है, बोला मुछे तान खड़ा वो, फर्क नहीं इस झंडे में, तुझको जो ये रंग दिखते है, सींचा है ,हमने अपने रक्तो से, पूछा मैंने डर लगता क्या ? मर जाने मिट जाने से, कांप! जाते है ,क्या पैर तुम्हारे?, युद्धभूमि में जाने से आवाज़ बढ़ा मुझसे वो बोला, सैनिक हूं अभिमानी हूं, खौफ नहीं खा सकता मै, मै तो खुद में अमर कहानी हूं।। बस यही सोच भावुक होता हूं, कि मां कौन संभालेगा, ना जाने में दिखूंगा कैसा , जब लिपट तिरंगा उस तक जाएगा, पर फिर यही सोच तन जाता भी हूं, कि वो मौत हसीन कितनी होगी, लीपटेगा तिरंगा मुझसे, अरे! वो नींद बड़ी गहरी होगी... वो नींद बड़ी गहरी होगी... की खौल रहा है ख़ून आज।। "कुरबानी" #पुलवामा #pulwamaattack #inspiration #hindi #yqbaba