मुझे तेरी जुदाई का अगर जो ग़म नहीं होता मिरे आँखों मे आंसू का ये खारा यम नहीं होता बेमतलब मुस्कुराने की, है आदत डाल ली हमने किसी के ग़म मे रोने से, मिरा ग़म कम नहीं होता दुआएं काम आती है, दवा जब साथ ना दे तो दिलों के ज़ख़्म की खातिर यहाँ मरहम नहीं होता सभी रिश्ते निभाता हूँ, मुहब्बत से, तसल्ली से छला फिर भी गया हूँ मैं, सभी हमदम नहीं होता वफ़ा, नेकी, मुहब्बत औ इबादत रोज़ मरती है यक़ीनन मौत पे इनके कभी मातम नहीं होता "गराई" के सुख़न पे बज़्म का रोना है जायज़ पर ये झूठा सिलसिला हर शाम को पैहम नहीं होता यम - sea/समुंद्र पैहम - Continuous/लगातार #ग़ज़ल #nojoto #nojotohindi #nojotoghazal #MrgGhazal #mrwrites