क़रीब आओ तो शायद समझ में आ जाए कि फ़ासले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं क़रीब आओ तो शायद समझ में आ जाए कि फ़ासले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं #farhasaharyar