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दो जहां हुआ करते थे हम कभी, जैसे हैं ये सूरज, ये च

दो जहां हुआ करते थे हम कभी,
जैसे हैं ये सूरज, ये चांद अलग से;
आज साथ हैं इस नीले आसमान सा,
जिससे जुड़ गए हैं ये दोनो अलग से जहां;
तूं ही चांद है मेरा, तूं ही है सूरज मेरा;
मैं हूं इस नीले आसमान में समेटे हुए तुझे;
आगोश में ही रहेगी, आज, कल, हमेशा ही;
कि तुझसे ही ये रोशनी, ये चांदनी है मेरे जहां मेरा..।।

©Manisha jha #YouNme
दो जहां हुआ करते थे हम कभी,
जैसे हैं ये सूरज, ये चांद अलग से;
आज साथ हैं इस नीले आसमान सा,
जिससे जुड़ गए हैं ये दोनो अलग से जहां;
तूं ही चांद है मेरा, तूं ही है सूरज मेरा;
मैं हूं इस नीले आसमान में समेटे हुए तुझे;
आगोश में ही रहेगी, आज, कल, हमेशा ही;
कि तुझसे ही ये रोशनी, ये चांदनी है मेरे जहां मेरा..।।

©Manisha jha #YouNme
punitajha1861

Manisha jha

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