दो जहां हुआ करते थे हम कभी, जैसे हैं ये सूरज, ये चांद अलग से; आज साथ हैं इस नीले आसमान सा, जिससे जुड़ गए हैं ये दोनो अलग से जहां; तूं ही चांद है मेरा, तूं ही है सूरज मेरा; मैं हूं इस नीले आसमान में समेटे हुए तुझे; आगोश में ही रहेगी, आज, कल, हमेशा ही; कि तुझसे ही ये रोशनी, ये चांदनी है मेरे जहां मेरा..।। ©Manisha jha #YouNme