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तब भीतर का शोर सुनाई देता है बहुत गहरे में जप्त हु

तब भीतर का शोर सुनाई देता है बहुत गहरे में जप्त हुई तेरी यादें परत दर परत
भले धुंधली पड़ भी जाए,,,एक हवा का झोंका उस रेत की परत को उड़ा ले जाता है,,,,,,,

जिसकी जड़ें मजबूत है जमीन को पकड़े हुए
भले तूफान जलजले आ भी जाएं,,,,,,

वह प्रेम का पौधा वही फलता फूलता रहता है
और बारहमासी बसंत के फूलों से महकता रहता है,,,,
तब भीतर का शोर सुनाई देता है बहुत गहरे में जप्त हुई तेरी यादें परत दर परत
भले धुंधली पड़ भी जाए,,,एक हवा का झोंका उस रेत की परत को उड़ा ले जाता है,,,,,,,

जिसकी जड़ें मजबूत है जमीन को पकड़े हुए
भले तूफान जलजले आ भी जाएं,,,,,,

वह प्रेम का पौधा वही फलता फूलता रहता है
और बारहमासी बसंत के फूलों से महकता रहता है,,,,
vandana6771

Vandana

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