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मेरी कविता को दुःख होता है जब संजीदगी से उसे पढ़ते

मेरी कविता को दुःख होता है जब संजीदगी से उसे पढ़ते नहीं,
उसके एहसास, उसके जज़्बात को, जब दिल से समझते नहीं। 

लफ़्ज़-लफ़्ज़ बयाँ करता, जाने कितने कहे-अनकहे जज़्बात, 
टूटकर बिखर जाती तहरीरें भी, जब दर्द रुआँसे, दिखते नहीं। 

कोई दिल्लगी समझता, कोई समझता नादाँ इसकी बातों को, 
लिखे शिद्दत से, फिर भी ख़ुशी-गुल  मोहब्बत से खिलते नहीं। 

सहा जाए ज़माने का सितम, कैसे सहे अपनों की नज़रंदाज़ी? 
झूठ पर भी हो जाती फ़ना, मगर क़द्रदान भी ऐसे जँचते नहीं। 

अब बस भी करो 'धुन',  लगने लगी होंगी बातें बे-सिर-पैर की,
कविता भी जानके ख़ामोश ही है, सुनने वाले उसे मिलते नहीं। नमस्कार लेखकों।

आज के #RzPerWriMo25 का विषय है "मेरी कविता को दुख होता है जब...."

उम्दा लेखनों को हमारे इंस्टाग्राम पर साँझा किया जायेगा! ❤️
( Link in bio!) 

#rzperwrimo #restzone #yqrz #yqrestzone #collabwithrestzone    #YourQuoteAndMine
मेरी कविता को दुःख होता है जब संजीदगी से उसे पढ़ते नहीं,
उसके एहसास, उसके जज़्बात को, जब दिल से समझते नहीं। 

लफ़्ज़-लफ़्ज़ बयाँ करता, जाने कितने कहे-अनकहे जज़्बात, 
टूटकर बिखर जाती तहरीरें भी, जब दर्द रुआँसे, दिखते नहीं। 

कोई दिल्लगी समझता, कोई समझता नादाँ इसकी बातों को, 
लिखे शिद्दत से, फिर भी ख़ुशी-गुल  मोहब्बत से खिलते नहीं। 

सहा जाए ज़माने का सितम, कैसे सहे अपनों की नज़रंदाज़ी? 
झूठ पर भी हो जाती फ़ना, मगर क़द्रदान भी ऐसे जँचते नहीं। 

अब बस भी करो 'धुन',  लगने लगी होंगी बातें बे-सिर-पैर की,
कविता भी जानके ख़ामोश ही है, सुनने वाले उसे मिलते नहीं। नमस्कार लेखकों।

आज के #RzPerWriMo25 का विषय है "मेरी कविता को दुख होता है जब...."

उम्दा लेखनों को हमारे इंस्टाग्राम पर साँझा किया जायेगा! ❤️
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#rzperwrimo #restzone #yqrz #yqrestzone #collabwithrestzone    #YourQuoteAndMine