अपनी इच्छाओं को इतना मारा अरमानों को यूँ कुचला कि मैं क्या चाहूँ मुझे खुद पता नहीं दिए दर्द मेरे अपनों ने इतने कि अब और कुछ पाने की ख्वाइश नहीं कभी कभी ज़िन्दगी में ऐसा भी मक़ाम आता है, जब दिल को कोई इच्छा नहीं रह जाती। #ख़्वाहिशनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi