पुरुष यानि कि पत्थर में अंकुरित कपोल पुरुष मतलब लोहे के सीने के पीछे धक धक करता एक कोलम हृदय पुरुष कहता है आज मूड नहीं है दिमाग ठिकाने नहीं है पर...... शायद ही कहेगा कि आज मन उदास है स्त्री पुरुष के कंधे पर सर रखकर रो लेती हैं जबकि पुरुष यह भी नहीं कर पाता पुरुष धंधे में लाखों का घाटा सह लेता है पर रिश्तों में दगा कभी नहीं सह सकता समर्पण स्त्री का स्वभाव है और पुरुष की दिली तमन्ना स्त्री के आंसू अंधेरे में भी दिखते हैं पुरुष के आंसू उसके तकिये पर भी नहीं #cupy paste #alone