last innings of life.. मुनासिब नहीं मेरा यूँ ख़ामोश रहना मेरे दिल का यूँ नाक़ाम रहना मैं रुख़सत हो जाऊं अब कहीं क़ातिल मैं अब आख़िर रुख़सत जहां हो जाऊं ।। By √ammi ©Ammi #_________