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मुखड़ा- सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रि

मुखड़ा-
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी  तुमने दिया!
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया!

अंतरा-फाईल अपनी अटकी कहाँ,
         ज़रा उसे पास करा दो जी,
         फाईल अपनी अटकी कहाँ,
        ज़रा उसे पास करा दो जी,

गणित भूतनी जब है दिखी,तभी उल्टे पाँव भाग लिया,
टेक-*सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया!*
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया।

दूसरा अंतरा-

तुम पापा से जी कह अपने,सिफ़ारिश मेरी लगा दो ना,
पेपर मेरा जो छूट गया,हाय पास मुझे करा दो ना,
तुम पापा से जी कह अपने,सिफ़ारिश मेरी लगा दो ना,
पेपर मेरा जो छूट गया,हाय पास मुझे करा दो ना,
विज्ञान हमारा ठीक रहा,संतुलन उसमें बनवाओ ना,
एसिड में वाटर था डाला,तुम आग ज़रा बुझवाओ ना,
*नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया।*
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया।

भारत भूषण पाठक'देवांश'

©Bharat Bhushan pathak #बालगीत 
मुखड़ा-
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी  तुमने दिया!
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया!

अंतरा-फाईल अपनी अटकी कहाँ,
मुखड़ा-
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी  तुमने दिया!
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया!

अंतरा-फाईल अपनी अटकी कहाँ,
         ज़रा उसे पास करा दो जी,
         फाईल अपनी अटकी कहाँ,
        ज़रा उसे पास करा दो जी,

गणित भूतनी जब है दिखी,तभी उल्टे पाँव भाग लिया,
टेक-*सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया!*
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया।

दूसरा अंतरा-

तुम पापा से जी कह अपने,सिफ़ारिश मेरी लगा दो ना,
पेपर मेरा जो छूट गया,हाय पास मुझे करा दो ना,
तुम पापा से जी कह अपने,सिफ़ारिश मेरी लगा दो ना,
पेपर मेरा जो छूट गया,हाय पास मुझे करा दो ना,
विज्ञान हमारा ठीक रहा,संतुलन उसमें बनवाओ ना,
एसिड में वाटर था डाला,तुम आग ज़रा बुझवाओ ना,
*नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया।*
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया।

भारत भूषण पाठक'देवांश'

©Bharat Bhushan pathak #बालगीत 
मुखड़ा-
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी  तुमने दिया!
सुनो गणपति बप्पा मोरया,मन मेरा काहे भटक रिया,
नहीं यहाँ पे कुछ है मेरा,दिया यहाँ सभी तुमने दिया!

अंतरा-फाईल अपनी अटकी कहाँ,