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थक चुके है खुद को संभालते संभालते... आज तो दिल खोल

थक चुके है खुद को संभालते संभालते...
आज तो दिल खोल कर रोने को दिल चाहता है...!
आधी उम्र गुज़ार दी है हमने भटकते भटकते...
अब तो तुम्हारी बाहों में बस सोने को दिल चाहता है...!
सबको अपना बना के देखा कोई नही अपना...
बस अब तो एक तुम्हारे होने को दिल चाहता है...!
 ✍️ जेसीपी जसवीर 9872812115 #दिल_चाहता_है
थक चुके है खुद को संभालते संभालते...
आज तो दिल खोल कर रोने को दिल चाहता है...!
आधी उम्र गुज़ार दी है हमने भटकते भटकते...
अब तो तुम्हारी बाहों में बस सोने को दिल चाहता है...!
सबको अपना बना के देखा कोई नही अपना...
बस अब तो एक तुम्हारे होने को दिल चाहता है...!
 ✍️ जेसीपी जसवीर 9872812115 #दिल_चाहता_है
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