राह में कितनी भी मुश्किल आए,हार नही मानूँगा, मंज़िल चाहे कितनी भी दूर हो, ज़िद्द यही ठानूँगा, पथ पर गिरते पड़ते चलते चलते,राह नही भूलूँगा, देश की बुराइयाें को खत्म करने की,रार नई ठानूँगा। ..............हार नही मानूँगा। स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी नमन हे युगपुरुष' उनकी कविता की एक प्रसिद्ध पंक्ति को Collab के माध्यम से उन को श्रद्धांजलि अर्पित करें। तीन बार प्रधानमंत्री रहे भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 24 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआI वे जीवन भर राजनीति में सक्रिय रहेI राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रूप में आजीवन अविवाहित रहने के संकल्प को पूरी निष्ठा से पालन कियाI भारतीय जनता पार्टी को एक राष्ट्रीय पार्टी बनाने में उन का योगदान सर्वोपरि है।