अंकुर निचोड़ डाला सारा सामर्थ्य, तब जाके मिला मुझे ध्येय, कहीं ऊर्जा ली फिर किरणों की, कहीं दया रही माटी के कणों की, पानी से मिटाई अपनी छोटी प्यास, कितना सुंदर है जीने का एहसास ? सूरज की दिशा ने ऊपर उठना सिखाया, इंसान की भूख ने सिर्फ "फूटना" सिखाया, कहीं ताप लिया मिट्टी से, कहीं इरादे हुए जिद्दी से, कहीं किसानों के ध्यान आते कर्ज-ब्याज, कितना सुंदर है जीने का एहसास ? एसा नहीं है कि इस माटी की ममता को भूल जाऊँगा, थोडा बडने दो मुझे, इसी माटी पे फूल बरसाऊँगा, जोडे रखुँगा हमेशा अपनी जड़ों से, छाँव दूंगा इस माटी को अपनी हदों में, हाँ कठिन जरूर है निरंतर अभ्यास,.. लेकिन, कितना सुंदर है जीने का एहसास..।। #sprout #beginning #motivation #nevergiveup #hindipoetry #hindi #yqdidi #yqbaba