अंदर से झांकती है बेवसी मेरी लगता है खुदकुशी कर गई खुशी मेरी ।। लगता है खुदको कहीं किसी जगह छोड़ आया हूं रस्ता मंजिल का आधे सफर में मोड़ आया हूं।। ना जाने कितने दूर तक ये सफर चलेगी सफर अगर है तो आखिरी में कुछ तो मिलेगी फूल जैसा खिलना,मुर्झाना सबकुछ तय है मगर बीज अगर वोया है तो फूल,पत्ते जो भी हो जरुर खिलेगी ।। ©Sam s sad #Suicide