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मिट्टी ही तो है शरीर फ़िर क्यों गुमान कर रहे हो ल

मिट्टी ही तो है शरीर 
फ़िर क्यों गुमान कर रहे हो
लिख रही हूँ पीले पन्नों पर 
कुछ कविताएँ
ताकि मेरे बाद 
कोई उनकी खुशबू को 
महसूस कर सके 
बस एक ख़्वाहिश है 
मौत के बाद "अनाम" होकर भी
"अनाम" ना रहने की। मैं ज़िंदा रहूँगी मेरी कविताओं में


रहें ना रहें हम महका करेंगे ...


#मिट्टीऔऱमोगरा
#yqdidi
मिट्टी ही तो है शरीर 
फ़िर क्यों गुमान कर रहे हो
लिख रही हूँ पीले पन्नों पर 
कुछ कविताएँ
ताकि मेरे बाद 
कोई उनकी खुशबू को 
महसूस कर सके 
बस एक ख़्वाहिश है 
मौत के बाद "अनाम" होकर भी
"अनाम" ना रहने की। मैं ज़िंदा रहूँगी मेरी कविताओं में


रहें ना रहें हम महका करेंगे ...


#मिट्टीऔऱमोगरा
#yqdidi