मेरा वक़्त बदलता नही अब ख़ुद को बदल दूँ क्या ❓️ बे मतलब किया अब तक जो किया.. अब थोड़ा मतलबी बन जाऊँ क्या ❓️ फ़ासले तय किया तन्हा काफ़िलों में.. अब भीड़ में चलकर दूरी बना लूँ क्या ❓️ भटके तो याद आया भटकना लाज़मी था रूह.. अब बंजारेपन को ही मंज़िल बना लूँ क्या ❓️ ©Rooh ##rooh##rooh##बंजारापन ‼️ #Searching