देखो रे दुनिया वाले यह नरेंद्र मोदी की झांकी है , अभी तो सूर्य उदय हुआ है प्रचंड दोपहर बाकी है! संदर्भ से किया संकल्प सज्जन ने सच्चरित्र का सतलज उगाऐगे , असत्य का सम्राट जलाकर सत्य का बीज उगाऐगे! सुंदर समाज बने हमारा लगन वीर में लागी है, अभी तो सूर्य उदय हुआ....... अत्याचार का अंत निश्चित है अब सदाचार का जय होगा , दमन होगा दलालों का ना अब दलितों का छय होगा! शुरू हुआ है अभी यह समूल नाश बाकी है, अभी तो सूर्य उदय हुआ है....... बुझा दे इस ज्योति को ऐसा सागर जल में कहां, वीर के उद्देश्य को है दुर्जनो से भय कहां! लोभीयो के लंका जलाने का लगन वीर लागी है, देखो रे दुनिया वालों यह नरेंद्र मोदी की झांकी है , अभी तो सूर्य उदय हुआ है प्रचंड दोपहर बाकी है!