परदेश ये इंतजार का सूरज तो ढलता ही नहीं हैं ये दिल है कमबख्त सम्भलता ही नहीं है अपने बस में जो होता तो मैं घर चला जाता पर वक्त पे किसी का ज़ोर तो चलता ही नहीं है #इन्तजार #सूरज #वक्त #ज़ोर #घर #परदेश #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob