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समझया तुझे कितना फिर भी, किया तुने बस अपने मन की ग

समझया तुझे कितना फिर भी, किया तुने बस अपने मन की गलियों में जा के क्यो बैठा है इश्क़ की…
कुछ नही अब मेरे बस में , कुछ नही यंहा तेरे बस में…
बदमाशियां है ये किसकी इश्क़ की ,बे पता लापता हो चला …
ऐ दिल बता जाने क्यों इस मरतबा तूने मुझे ये क्या कह दिया…@

 इश्क़ का हलफनामा
#इश्क़_शहर_और_तुम
समझया तुझे कितना फिर भी, किया तुने बस अपने मन की गलियों में जा के क्यो बैठा है इश्क़ की…
कुछ नही अब मेरे बस में , कुछ नही यंहा तेरे बस में…
बदमाशियां है ये किसकी इश्क़ की ,बे पता लापता हो चला …
ऐ दिल बता जाने क्यों इस मरतबा तूने मुझे ये क्या कह दिया…@

 इश्क़ का हलफनामा
#इश्क़_शहर_और_तुम
rahulverma5967

RAHUL VERMA

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