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मन के एक तले पर मैं रहूँ दूजे पर इसके विचार, पोषित

मन के एक तले पर मैं रहूँ
दूजे पर इसके विचार,
पोषित इनको मन करे
मैं रहूँ सदा ही लाचार..
जिव्हा कहने को तन की
मन इसपे करे व्यभिचार,
मेरी मुझमे है दबी
कह नहीं पाऊँ अपना हाल..

©Jai Pathak
  #मन