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पत्तियां :- जैसे गिरती हैं किसी शाख से पत्तिया

पत्तियां :-

जैसे  गिरती हैं  किसी  शाख से पत्तियां,
वैसे  ज़िंदगी के  दिन गिनती  उंगलियां।

सुकोमल कोपल दरख़्तों पे यूं निकलती,
मानो नवजात शिशु की हो किलकारियां।

यूं हवाओं संग तुम  राब्ता बनाए  रखना,
घिर आए जो  कभी दु:ख की बदलियां।

हर शाख झूमता गिरते हैं पत्ते  बेबस हो!
ऐसे ही तो चलतीं  हमारी भी  ज़िंदगियां।

चमक-चमक के गरज-गरज के भरमाती,
डरातीं  हैं बहुत कड़कती हुई  बिजलियां।

दु:ख की बारिशों बाद होगा दिन सुहाना,
सुख की हरियाली लाए रंगीन तितलियां।
 
पत्तियों जैसा है संघर्ष हमारे जीवन का,
वर्षा,धूप छांव,आंधी और झेले गर्मियां।

अर्चना तिवारी तनुजा

©Archana Tiwari Tanuja
  #Pattiyan #Nojoto #kavita 
#NojotoHindi #hindiwriters 
#mythaughts #Virel 30/06/2023

जैसे  गिरतीं हैं  किसी  शाख से पत्तियां,
वैसे  ज़िंदगी के  दिन गिनती  उंगलियां।

सुकोमल कोपल दरख़्तों पे यूं निकलती,

#Pattiyan Nojoto #kavita #nojotohindi #hindiwriters #mythaughts #Virel 30/06/2023 जैसे गिरतीं हैं किसी शाख से पत्तियां, वैसे ज़िंदगी के दिन गिनती उंगलियां। सुकोमल कोपल दरख़्तों पे यूं निकलती, #कविता

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