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में ख़ुश हूं, कि में एक परिंदा हूं मन्दिर

में ख़ुश हूं, कि
में एक परिंदा हूं








मन्दिर से मस्जिद तक
चक्कर लगा लेता हूं
औ दीवार बनी नहीं अबतक
जो हम पर पाबंदी लगा सके ।

©Tafizul Sambalpuri
  #पन्छी  Anshu writer Shiv Narayan Saxena MM Mumtaz Vishalkumar "Vishal" दुर्लभ "दर्शन"