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ठहर गई ज्यों तपती दोपहरी जब से रुठ गए हो तुम जाती

ठहर गई ज्यों तपती दोपहरी
जब से रुठ गए हो तुम
जाती नहीं इस दिल से उदासी
जब से रुठ गए हो तुम
इन नयनों में नींद  ना आती
जब से रुठ गए हो तुम...!
Baljeet kaur
#baljeetkaurr #writer #poetry

©Baljeet Kaur #Rose
ठहर गई ज्यों तपती दोपहरी
जब से रुठ गए हो तुम
जाती नहीं इस दिल से उदासी
जब से रुठ गए हो तुम
इन नयनों में नींद  ना आती
जब से रुठ गए हो तुम...!
Baljeet kaur
#baljeetkaurr #writer #poetry

©Baljeet Kaur #Rose
baljeetkaur3452

Baljeet Kaur

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