ठहर गई ज्यों तपती दोपहरी जब से रुठ गए हो तुम जाती नहीं इस दिल से उदासी जब से रुठ गए हो तुम इन नयनों में नींद ना आती जब से रुठ गए हो तुम...! Baljeet kaur #baljeetkaurr #writer #poetry ©Baljeet Kaur #Rose