हवा नही क्लाइमेट में साँस ढूंढने लगे है पहचान खुद में नही लिबास में ढूंढने लगे है ना जाने क्या सोचते रहते है सारा दिन दिल नही चीज़ों में एहसास ढूंढने लगे है कमज़ोर शरीर से नही ज़हन से है ये और बाज़ार में च्यवनप्राश ढूंढने लगे है कल क्या खाया ये तक याद नही है फिर भी क्यों इतिहास ढूंढने लगे है हद को ज़द समझ बैठे है सारे के सारे पानी में डूबे हुए सब प्यास ढूंढने लगे है हवा नही क्लाइमेट में साँस ढूंढने लगे है पहचान खुद में नही लिबास में ढूंढने लगे है ना जाने क्या सोचते रहते है सारा दिन दिल नही चीज़ों में एहसास ढूंढने लगे है कमज़ोर शरीर से नही ज़हन से है ये और बाज़ार में च्यवनप्राश ढूंढने लगे है