फरिश्तों के आइन को ..!! मिट्टी के पुतले क्या समझेंगे! इंसानियत की खुशबू की तो उन्हें खबर ही नहीं!! सब कुछ पाने की होड़ में..!! आंचल भी फट रहा है..!! मिट्टी के पुतले जो ठहरे..!! खुदाई फरमानबरदार जो नही!! Back to back encounters of innocent people and increasing the death in police custody 😥😥🤔. Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "आईन" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।