रोज़ ऑफिस जाते वक्त वो मिल जाती थी रास्ते पर....... हाथो में खिलोने कभी पेन कभी गजरे लिए हुए पर आज कल दिखती नहीं शायद अच्छे लोगो की तरह उसे भी जल्दी थी ऊपर जाने की या फिर नही ढो पाई वो अपनी ज़िम्मेदारी मेरी तरह हाँ वो मेरी माँ नही थी पर में उसमे किसी की मां बस्ती तो थी ...... हाँ शायद वो चली गई उस दुनिया में शायद....... #ekadat