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मगर क्या मे तन्हां थी कदमों से कदम मिलाकर चल



मगर क्या  मे तन्हां थी  कदमों  से कदम मिलाकर  चलने वाला साथी साथ नहीँ  था 
रोता है दिल अब बात नहीं  होती 
तडफता हे दिल अब मुलाकात  नही होती
तुम्हे  याद ना आओ ऐसा कोई  दिन नही 
तुम्हे  याद करके ना सोऊँ  ऐसी कोई  रात नहीँ  होती 
कशम कश मै है दिल 
क्यु के भेरी आँखो से  हर पल है एक बरसात होती 
धन निरंकार जी आपके चरणों मे प्यार भरी कोटी कोटी

©hemlata sankpal
  #aahat # नोजोटो #  बिन बादल बरसात है होती

aahat # नोजोटो # बिन बादल बरसात है होती

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