( पलटवार ) परेशान हो जाओ जब लोगों के सवालों से तो ज़वाब तुम्हें देना होगा.. कब तक घुट घुट के जीयोगे अब पलट वार तुम्हें करना होगा.. लोगों के ताने, उठती उँगलियों को कब तक नज़रंदाज करोगे.. ये कचोटती है तुम्हारी अंतरात्मा को ये तुम्हें अब समझना होगा.. कोई गुनाह नहीं कर रहे हों तुम जो इस कदर सुन रहे हो.. अपनी परिस्थितियों से तुम अकेले लड़ रहे हों.. ये समझाने की जरूरत नहीं.. पर उंगली उठाए कोई तुम्हारे अस्तित्व पर ये भी अब मंजूर नहीं.. तुम पर बाते बनाने वाले जरा अपने गिरेबान में झाँक कर देखे.. जब वो सुकून से सो रहे होते हैं, तब तुम और ना जाने तुम जैसे कितने बच्चे अपने सपनो, अपनी पहचान, अपने वज़ूद के लिए लड़ रहे होते हैं.. हद से ज्यादा किसी को सुनने का ना तुम्हें आदि बनना होगा.. कब तक घुट-घुट कर जियोगे अब पलट वार तुम्हें करना होगा करना होगा. --प्रिया शर्मा ©priya sharma #पलटवार..