हरिक रिश्ते से वाकिफ है जमाना टूट जायेगा नज़र से आज हर सपना सुहाना टूट जाएगा मिली है बेरूखी, गैरों की दस्तक दिल में झाँका जब वफा झूठी कसम टूटी दिवाना टूट जायेगा मुकर्रर था मिलन होना बनाया हसरतों का घर चली आँधी जो नफरत की ठिकाना टूट जायेगा - लव जोशी #kavishala #poetry #tutjayega