ज़रूर मिलेगी मंज़िल (अनुशीर्षक में पढ़ें) ज़रूर मिलेगी मंज़िल दिल है अनमना रहता है बेचैन आजकल जो भी करना चाहूँ मैं हो जाता है विफल होता है शायद ये