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मन चंचल पंछी समान उड़ता फिरता नभ मे जैसे हो आसमां

मन चंचल पंछी समान
उड़ता फिरता नभ मे जैसे हो आसमां
कोशीश की कितनी इसको समझाने की
पर समझता नही ये नादान
अब आ गया हु तेरी सरन मे
विनती मेरी सुनो भगवान्

www.aackyshayari.in
@aackyshayari

©Aacky Verma
  मन चंचल पंछी समान
उड़ता फिरता नभ मे जैसे हो आसमां
कोशीश की कितनी इसको समझाने की
पर समझता नही ये नादान
अब आ गया हु तेरी सरन मे
विनती मेरी सुनो भगवान्

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Aacky Verma

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मन चंचल पंछी समान उड़ता फिरता नभ मे जैसे हो आसमां कोशीश की कितनी इसको समझाने की पर समझता नही ये नादान अब आ गया हु तेरी सरन मे विनती मेरी सुनो भगवान् www.aackyshayari.in #Bhagwan #sayari #mankibaat

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