#OpenPoetry ★माँ उस बूढ़ी माँ की क्यों तुम करते इतनी निंदा, जिसने तुम्हें बनाया, उड़ने वाला परिंदा, तेरी आहट को सुन वो जो पल में आ जाती, अब उनकी आहट से तुझे निंद नही आती, क्यो तू इतना बदल गया,माँ को दर्द समझ गया, क्यो भूल गया तू उनकी कुर्बानी जिसने बनाया है तेरी कहानी, क्या तेरी मैया ने तुझसे कभी मांगी है उधारी जो उनकी आँचल से तुमने की गद्दारी। writer-seema #OpenPoetry#openmicpoetry#nojoto#nojotopoetry#nojotonews#ma