वो दीपावली कार्तिक अमावस्या कि मैं उसकी कोई दीप बनू। उसके होठों पर जो सजे मैं वही उसकी कोई राग बनू। वो महलों का राजा सा है मैं उसके दिल की रानी बन जाउँ। जो भूल न पाये वो भी कभी बस उसकी कुछ ऐसी कहानी बन जाऊ।। #कहानी