अब तो तेरी हर बात को, हम दिल से लगाते है, भीड़ में भी तुझे, अब पहचान जाते है, तेरी राह के दरख्तों का, इमान डोल गया है शायद, तभी आजकल वो तेरा पता, गलत बताते है, #_अल्फ़ाज़_# #पहचान