हो गया था ग़ुरूर अहबाबों का हमें बुरे वक़्त ने करीब आकर कहा मुग़ालते में हो कोई कद्र नहीं यहां तेरे जज़्बातों की "रूह" तुम फ़िज़ूल में ही रिश्तों के नशे में हो। हो गया था ग़ुरूर अहबाबों का हमें बुरे वक़्त ने करीब आकर कहा मुग़ालते में हो कोई कद्र नहीं यहां तेरे जज़्बातों की "रूह" तुम फ़िज़ूल में ही रिश्तों के नशे में हो। अहबाब- मित्र,चाहने वाले मुग़ालते-धोखा Shiva Saxena Thoda Writer बहुत बहुत धन्यवाद मुझे याद करने के लिए🙏 #burawaqt #yababa #yqdidi #yqhindi #bhartiya_naari #yqlifequotes #zindagikasafar #haalaat_e_zindagi