मुझे रोकने की किसी की औकात ही नही है , मैं तो खुद से रुक गया हूँ । चाल भले ही मेरी कछुए की तरह धीमी है , तो इसका मतलब ये नही की मैं हिरन की तरह भाग नही सकता हूँ । झूट बोलना मेरी फितरत में नही है , इसलिए गिरगिट की तरह मैं रंग नही बदलता हूँ , हर किसी के लिए दिल में चाहत है इसलिए मैं चुप हूँ तो इसका फायदा मत उठाना , क्यंकि शेर हूँ कभी भी दहाड़ सकता हूँ । #शेर हूँ #कभी भी #दहाड़ #सकता हूँ ।