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जो सुनने के लिए तैयार था, वो रूठ गया। जो रिश्तेदार

जो सुनने के लिए तैयार था,
वो रूठ गया।
जो रिश्तेदार के नाम में मौजूद हैं,
उनका साथ छूट गया।
जो घरवाले दिन रात मेरी फिकर किए,
उन्हे कुछ भी बता नहीं पाया।
जो दोस्ती आशु को मुस्कान से भरते थे,
उनका साथ भी न पाया।

आखिर में,खुद से ही बात करने लगे...
दिल की बात कहें तो किससे ?

©Aparna Nayak
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