दिल के पुराने “इल्ज़ाम-ए-मर्ज़”ने अभी रुखसत भी नहीं ली और तुमने उसपे नए इल्ज़ामात की पट्टी चढ़ा दी कि क्या कहते हो.......?? हर बार गलती मेरी है , तो , सुनो ना जाना कभी अपने अंदर भी झांको ना यूं तो इलज़ाम लगाना अच्छा लगता है , मगर कभी खुद महसूस करो ना जाना । ©Nazish Khan #Akhiri_shabd #प्यार #मोहब्बत #Love #Mistake #इश्क #आखिरी #Sam #mylove