हालातों के कटघरे में मुझको खड़ा कर! वक्त भी अब देखो गवाह बन गया!! मोहब्बत की दुनिया का सब कुछ लुटा कर... और फिर मैं नफरत का शहंशाह बन गया!!! अनुज "बेखबर" शहंशाह