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|| श्री हरि: || 49 - गाय ब्यायी 'दादा! दादा! कपि

|| श्री हरि: ||
49 - गाय ब्यायी


'दादा! दादा! कपिला ने बछड़ा दिया है। बड़ा सुंदर बछड़ा है। आ, देख तू।' श्यामसुंदर बहुत प्रसन्न है। यह जल्दी - जल्दी मैया को, माता रोहिणी को और बाबा को यह शुभ समाचार दे आया है। इसकी कपिला ने दूध - सा उजला बछड़ा दिया है। अपने बड़े भाई को ले आकर तुरंत यह बछड़ा दिखा देना चाहता है।


'गाय भूखी है। मैं इसके लिए कुछ ले आता हूँ। दाऊ ने बछड़े को देखा और उसका ध्यान कपिला की ओर गया। तुरंत ब्यायी गाय भूखी तो होगी ही। कितना खाली लगता है उसका पेट। गोपों ने उसके आगे बहुत कुछ रख दिया है पर इससे होता क्या है। कपिला को दाऊ या श्याम के हाथ से कुछ चाहिए।
anilsiwach0057

Anil Siwach

New Creator

|| श्री हरि: || 49 - गाय ब्यायी 'दादा! दादा! कपिला ने बछड़ा दिया है। बड़ा सुंदर बछड़ा है। आ, देख तू।' श्यामसुंदर बहुत प्रसन्न है। यह जल्दी - जल्दी मैया को, माता रोहिणी को और बाबा को यह शुभ समाचार दे आया है। इसकी कपिला ने दूध - सा उजला बछड़ा दिया है। अपने बड़े भाई को ले आकर तुरंत यह बछड़ा दिखा देना चाहता है। 'गाय भूखी है। मैं इसके लिए कुछ ले आता हूँ। दाऊ ने बछड़े को देखा और उसका ध्यान कपिला की ओर गया। तुरंत ब्यायी गाय भूखी तो होगी ही। कितना खाली लगता है उसका पेट। गोपों ने उसके आगे बहुत कुछ रख दिया है पर इससे होता क्या है। कपिला को दाऊ या श्याम के हाथ से कुछ चाहिए। #Books

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