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बिन बाति की जलती हुई ज्योति हो तुम‌, और मैं समकता

बिन बाति की जलती हुई ज्योति हो तुम‌,
और मैं समकता हुआ ओझल चिराग,
अब तुम मेरे दर्द को यूहीं सहना,
और मैं तुम्हारे सारे फिराक....!!
                       -Sp"रूपचन्द्र"

©Sp"रूपचन्द्र"✍ #ऐजिन्दगी 

#Drops
बिन बाति की जलती हुई ज्योति हो तुम‌,
और मैं समकता हुआ ओझल चिराग,
अब तुम मेरे दर्द को यूहीं सहना,
और मैं तुम्हारे सारे फिराक....!!
                       -Sp"रूपचन्द्र"

©Sp"रूपचन्द्र"✍ #ऐजिन्दगी 

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